मैंने अपने दिल के जज्बातों का उससे जब इजहार किया वह गुस्से में मुझ पर टूट पड़ी प्यार करने से इनकार किया दूसरी बार जब मुलाकात हुई माफी मांगते हुए मेरे प्यार को स्वीकार किया
तुम मिल गए हो ना जाने क्यों हर वक्त आप खोने का डर सा बना रहता है भरोसा तो है आपके प्यार पर मुझे पर हर रोज एक भरोसा जो दिला दो अगर जिंदगी को जीना आसान हो जाएगा